समझ गए थे संभल गए थे सुख की नींद को लेना है कुछ लिखना है समझ गए थे संभल गए थे सुख की नींद को लेना है कुछ लिखना है
तपती रेत को ठंडक का एहसास दिलाकर उसी में खो जाने वाली पहली बारिश सी हूँ मैं । तपती रेत को ठंडक का एहसास दिलाकर उसी में खो जाने वाली पहली बारिश सी हूँ मैं ।
बिखरे हुए खयालों को बांधना चाहता हूं, रिश्ते को अपने नाम देना चाहता हूं। बिखरे हुए खयालों को बांधना चाहता हूं, रिश्ते को अपने नाम देना चाहता हूं।
दुुआ यह ईक हमारा है, बनी हो चाँदनी की तुुम कहाँ कोई तुमसा प्यारा है। दुुआ यह ईक हमारा है, बनी हो चाँदनी की तुुम कहाँ कोई तुमसा प्यारा है।
सुनो सुनाए बात प्रीत की जीवन के उन सच्चे मित की। सुनो सुनाए बात प्रीत की जीवन के उन सच्चे मित की।
खुद से लडूंगा तो शायद कुछ सीख पाऊंगा। खुद से लडूंगा तो शायद कुछ सीख पाऊंगा।